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राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर संगोष्ठी आयोजित

भारतीय उपभोक्ता के लिए एक महत्वपूर्ण मोड उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019
अजमेर। अतिरिक्त जिला कलेक्टर कैलाश चंद शर्मा की अध्यक्षता में मंगलवार को जिला रसद कार्यालय के तत्वावधान में कलेक्ट्रेट सभागार में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस पर संगोष्ठी आयोजित हुई।


अतिरिक्त जिला कलेक्टर कैलाश चंद शर्मा ने कहा  कि उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए यह संगोष्ठी आयोजित की गई। इसका मुख्य विषय भारतीय उपभोक्ता के लिए एक महत्वपूर्ण मोड उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 था। इस पर जिले से आए उपभोक्ता क्लब प्रभार, अधिवक्ता, शिक्षाविद, समाजसेवी, व्यापार मण्डलों, गैस एवं पैट्रोल पम्पों, पत्रकार, किसान, स्वयंसेवी संस्थाओं, संगठनों एवं जागरूक नागरिकों ने भाग लिया। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के बारे में विस्तारपूर्वक चर्चा हुई।


उन्होंने कहा कि नया अधिनियम पूर्व के अधिनियम की तुलना में ज्यादा उपभोक्ता हितैषी है। इस अधिनियम के लागू होने से पूर्व जागरूकता पैदा करने से इसका वास्तविक लाभ मिल पाएगा। समस्त जिम्मेदार नागरिकों को मिलकर एक्ट के प्रति जागरूकता पैदा करनी चाहिए। वर्तमान में उपभोक्ता शब्द का बहुत व्यापक अर्थ है। विज्ञापनों के माध्यम से उत्पादक अपने सामान के बारे में अवगत कराता है। कई बार विज्ञापनों के भ्रामक होने से उपभोक्ता ठगे जाते है। इन पर पुख्ता कार्यवाही करने की आवश्यकता है।


उपभोक्ता मामलात के एडवोकेट श्री सूर्यप्रकाश गांधी ने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अन्तर्गत जिला स्तर पर एक करोड़, राज्य स्तर पर 10 करोड़ एवं राष्ट्रीय स्तर पर 10 करोड़ से अधिक की राशि के प्रकरण सुने जाते है। इससे सामान्य उपभोक्ताओं को जिला स्तर पर भी समाधान मिल जाएगा। इस अधिनियम में ग्राहक की सुविधा के अनुसार प्रावधान किए गए हैं। व्यक्ति अपने निवास स्थान पर ही ऑनलाइन शिकायत कर सकता है। अब वह न्याय क्षेत्र की सीमा में बंधा नही रहेगा।


उन्होंने कहा कि नए अधिनियम के अन्तर्गत सामान खरीदने के पश्चात 2 वर्ष तक शिकायत की जा सकती है। जिला अथवा राज्य स्तर के निर्णयों के संबंध में आगामी 45 दिन में अपील की जा सकती है। साथ ही जिला एवं राज्य स्तरीय उपभोक्ता आयोगों को स्वयं के फैसलों की समीक्षा का अधिकार भी प्रदान किया गया है। आयोगों के नियंत्रण के लिए राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के आयोगों को अधिकृत किया गया है। ग्राह ओर सेवा प्रदाता के मध्य संबंधों को विशेष महत्व दिया गया है। इसलिए प्रत्येक प्रकरण को मध्यस्थता के माध्यम से निस्तारित करने का प्रयास किया जाएगा।


उन्होंने कहा कि उपभोक्ता के हितो का ध्यान रखते हुए 21 दिन में स्वतः शिकायत दर्ज होने का प्रावधान किया गया है। असामाजिक तत्वों के द्वारा झूठी शिकायत दर्ज किए जाने पर ऎसे व्यक्तियों के विरूद्ध 50 हजार का जुर्माना लगाया जाएगा। उपभोक्ता आयोगों के आदेशों की अवहेलना करने पर सजा का भी प्रावधान रखा गया है।


संगोष्ठी में अखिल राजस्थान उपभोक्ता महासंघ के सचिव मुकेश मिश्र ने साइबर क्राईम के बारे में अपने विचार व्यक्त किए। ग्रामीण उपभोक्ता संस्थान मसूदा के राघवेन्द्र सिंह ने प्रत्येक खरीददारी पर बिल लेने पर जोर दिया। उपभोक्ता अपनी समझदारी एवं सतर्कता से साईबर क्राईम से बच सकता है। व्यक्ति लालच के कारण ऑनलाइन ठगी का शिकार होते हैं। इससे बचने के लिए व्यक्ति को पूरी जांच पड़ताल करने के उपरान्त ही किसी बात पर विश्वास करना चाहिए। उपभोक्ता विषयो की एडवोकेट सलोना अग्रवाल ने भी उपभोक्ताओं के हितो पर अपने विचार व्यक्त किए। उपभोक्ता सेवा एवं सहायता केन्द्र के विरेन्द्र हलचल ने उपभोक्ताओं के सावचेत रहने की आवश्यकता बतायी। उप अधीक्षक पुलिस चन्द्रा पुरोहित ने भी उपभोक्ताओं को ठगी से बचने के लिए अपनायी जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया।


इस अवसर पर जिला रसद अधिकारी हिरालाल मीणा, अंकित पचार, प्रवर्तन अधिकारी अब्दुल सादिक एवं निरज कुमार जैन सहित विभागीय अधिकारी एवं उपभोक्ता मामलों से संबंधित संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।


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